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गधे का पढ़ना | study of donkey | Panchtantra Khani |

 एक दिन एक राज्य के महाराज ने गौरव(नामक एक आदमी) को बुलवाया और कहा गौरव मेने तुम्हारे बारे में खूब सुना और मुझे पता चला कि तुम बहुत बुधीमान व चालक हो  इसी कार्ण मेने तुम्हें अपना एक एक काम करवाने के लिए बुलाया है क्या तुम मेरा वो काम करोगे ?

यह सुनकर गौरव कहा की मैं हर काम करने मे सक्षम हूँ आप तो बस हुकम करे | इस पर महाराज ने कहा तुमहे मेरे इस  गधे को लिखना पढना सिखावा सकते हो यह सुनकर गौरव ने कह दिया की हाँ मैं इसे विस्तार से सिखावा सकता हूँ | यह सुनकर  महाराज ने कहा की ‘तुम बकवास की बात मत करो ‘ क्या सबूत है की तुम ऐसा कर सकते हो |

गौरव ने उत्तर दिया कि आप एक काम करिए आप मुझे दस हजार सोने के सिक्के दे दीजिये उसके  पश्चात मैं खुद गारंटी ले लेता हूँ कि कुछ वर्ष के बाद मैं इसी गधे को पढना सिखा दूंगा हू | 

यह सुनकर महाराज ने कहा की अगर तुम यह कर पाने में असफल  हो गए तो मैं तुम्हे जान से मार डाल दूंगा | गौरव  ने हा करदिया और वंहा से  निकाल गया |

गौरव  ने सोचा की आठ साल में तो यह हमारा राजा भी नहीं बचेगा और यह भी हो सकता है की यह गधा भी मर जाएगा  अगर फिर भी सात साल तक इन दोनों में से कोई नहीं मारता तो भी मेरे पास पूरा एक साल बचेगा जिसमे मैं  इसके बारे मे सोच सकता हूँ  |

सीख : यह कहानी यह सिखाती है कि ज्यादा भविष्य के बारे में परेशान नहीं होना चाहिए और हमेशा वर्तमान में रहना चाहिए |

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