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अगर आप लोगो ने भी अकबर और बीरबल की कहानियाँ सुनी है तो आपको पता ही होगा कि अकबर बीरबल के सबसे कीमती और पयारे मंत्री थे क्यूँकि वह और मंत्रियों से बहुत होशियार थे।
और यह बात अकबर बाकी मंत्रियों को पसंद नहीं थी इसलिए वे बीरबल से बहुत जादा ईर्श्या कखते थे।
एक बार सभा लगी थी और सभी मंत्री वहा थे और सबने बीरबल से कहा - तुमे लगता है की तुम बहुत ही होशियार हो, हम सब मिलके तुमसे कुछ सवाल पूछेगे अगर तुम सब सवालों के जवाब नहीं दे सके तो तुम्हें अपने पद को त्यागना पड़ेगा।
बीरबल ने कहा ठीक है मुझे आप लोगों की शर्त मंजूर है लेकिन, सवाल क्या है?
मंत्रियों ने पूछा की ,
आकाश में कुल कितने तारे हैं?
धरती का केंद्र किधर है ?
इस दुनिया में कितनी औरते व कितने अदमी हैं ?
बीरबल को यह सवाल थोड़े से कठिन लगे पर उन सवाल का जवाब देने के लिए बीरबल एक भेड़ लेकर आये और उन सबसे कह दिया इस भेड़ की खाल पर जितने बाल हैं उतने आकाश में तारे हैं पर अगर किसी को यकीन नही हो तो वह गिन सकता है।
अपने अगले सवाल के जवाब देने हेतु बीरबल ने लोहे की छड़ी लेकर धरती पर दो रेखाएँ बना दी और बीच मे लोहे की छड़ी डाल दी और सबसे कह दिया कि यह रहा धरती का केन्द्र अगर किसी को भी विश्वास नही हो तो वह नाप सकता है।
अपने अंतिम सवाल का उत्तर देने हेतु बीरबल बोला कि यह थोड़ा-सा मुश्किल है ,क्यूँकि मेरे कुछ मंत्री मित्र है मैं यह तय नहीं कर पा रहा हूँ कि वह पुरुष हैं या महिला , अगर उन सब को मार दिया गया तो इस प्रश्न का उत्तर दिया जा सकता है।
बीरबल के इसी प्रकार सारे जवाब देख सभी मंत्री शांत हो गये व लज्जा से अपने सिर झुका लिये ।
अकबर ने बीरबल कि बहुत तारीफ करी।
सीख : अगर दिमाग से विचार किया जाय तो इस धरती पर ऐसा कोई भी प्रश्न नही है जिसका उत्तर नहीं दिया जा पाये |
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