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नालायक से समझ्दार | From Fool to Inteeligent | Panchtantra Khani

बचपन मे एक दिन प्रियांश नाम का बच्चा विधालय से लोटा और अपनी माँ के हाथो मे एक कागज दे दीया और कहा की मेरी अध्यापिका ने यह आपको देने के लिए कहा था |

उसकी माँ उस कागज को पड़ती हैं और उनकी आँखो मे आँसू  आ जाते है तो प्रियांश पूछता है की इसमे ऐसा क्या लिखा है तो उसकी माँ कहती है की बेटा कुछ नही इसमे लिखा है की  "आपका बेटा बहुत समझ्दार और काबिलियत है उसके लायक इस विधालय मे आधयप्क नही हैं इसलिए आप उसको घर पे ही पड़ाइये "

बड़े होकर प्रियांश बहुत बड़ा वेज्ञानिक बंता है एक दिन उसको वही कागज मुड़ा हुआ मिलता है वो उसको पड़ता है उसमे लिखा था की आपका बच्चा बहुत नालायक है इसलिए हम उसको अपने विधालय से निकाल रहे हैं |
यह पड़कर उसको अपनी माँ पर बहुत नाज़ होता है |


सीख : हर इंसान मे कुछ खास होता है अगर वो अपने अवगुण को छोड़ कर आगे बदेगा तो वह जरूर सफल होगा | 

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