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अंगूठी | Ring | Hindi Short Stories | Panchtantra Kahani

एक बार एक आदमी रोहन के एक दोस्त जो व्यापार के लिए दूसरे देश की तरफ जब जा रहा था |

 उसने रोहन से कह दिया कि क्या तुम अपनी ये अंगूठी मुझे दे सकते हो जिससे जब भी में वहा तुम से दूरी पर रहूँगा और मे जब भी तुम्हारी यह अंगूठी को देखूंगा तो मेरेको तुम्हारी याद आ जायेगी ।

 इस बात पर रोहन ने कहा की अगर मैं अपनी यह अंगूठी देता हूँ और अगर तुमने इसे गलती से खो दिया तो फिर तुम मुझे अवश्य भूल ही जाओगे |

और अगर में तुम्हे अंगूठी के लिए मना कर दूंगा और फिर तुम कभी - भी अपने इस हाथ की ऊंगली को खाली और सुना देखोगे तो तुम्हे यह जरूर याद आ येगा कि तुमने कभी मुझ-से यह सोने की अंगूठी मांगी थी पर मैंने तुम्हे मना कर दिया था इसलिए फिर तुम मुझे पहले से कही ज्यादा तुम मुझको याद कर पाओगे |

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