Featured post

Rich Man And Poet | Akbar And Birbal Stories | Panchtantra Khani

                            धनवान और कवि 

एक बार एक गरीब शायर एक धनवान आदमी के महल मे जाकर उसको बहुत सारी कविता सुनता है उस धनवान को खुश कर देता है | 

उस शायर को लगता है की धनवान खुश हो गया कुछ अच्छा इनाम मिलेगा पर वो धनवान बहुत ही कंजूस था | 
उस धनवान ने उस शायर को कहा की कल तुम फिर आना मैं तुम्हें खुश कर दूंगा | 

शायर यह सोचकर कल बहुत अच्छा इनाम मिलेगा बहुत खुश होकर चला गया | अगले दिन फिर वो आता है धनवान बोलता है कल तुमने मुझे खुश करा था इसलिए मेंने आज तुम्हें यहा बुलाकर खुश कर दिया इसलिए हिसाब बराबर हुआ | शायर यह सुनकर बहुत ढुखी हो जाता है | 

वो गरीब शायर यह सब अपने एक दोस्त को बताता है जो बीरबल का दोस्त होता है वो यह सब बीरबल को सुनता है | बीरबल कुछ सोच कर बलता है की कल उस धनवान को भोजन पे बुलाना ओर हा उस कवि को भी बुलाना मैं तो वह तो मोजूद रहूँगा ही | 

रात को वो धनवान भोजन के लिए आ जाता है | पर बीरबल अपने कुछ दोस्तो के साथ बातों मे व्यस्त हो जाते हैं | 

काफी देर बाद धनवान को गुस्सा आ जाता है ओर वो कहता है की खाने का सामय तो कब का हो चुका | बीरबल कहता है की खाना तो बना ही नही हैं | धनवान ओर गुस्से मे बोलता है की फिर तुमने मुझे क्यू बुलाया है | 

बीरबल बोलता है की वो तो बस आपको खुश करने के लिए बुलाया था | 

धनवान सब समझ जाता है ओर एक सोने की पोटली उस कवि को दे देता है ओर चले जाता है |

Comments