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राजा और मंत्री | Short Hindi Moral Story | Panchtantra Kahani

एक राजा था उसको अपना मंत्री पसंद नही था | क्योकि कुछ भी हो जाए वो मंत्री यही कहता "जो होता है भले के लिए ही होता हैं " राजा को उसकी यह बात बिलकुल भी पसंद नही थी | 

एक दिन तलवार बाजी करते हुए राजा की एक उंगली कट जाती हैं | 
यह देखकर मंत्री राजा से कहता है " महाराज जो होता है अच्छे के लिए ही होता है जाने दीजिये " ये बात सुनकर राजा का गुस्से का पारा टूट गया और वो सिपाही से कहकर मंत्री को जेल मे डाल देता हैं | 

वेसे तो अक्सर राजा मंत्री के साथ शिकार पे जाता था | पर मंत्री जेल मे था इसलिए राजा अकेले ही निकल गया | जंगल मे राजा को कुछ आदिवासी पकड़ लेते हैं | और कहते हैं अब तुम्हारी बली चड़ेगी | 

राजा बहुत घबरा जाता है पर अचानक से आदिवासियो की नज़र राजा की कटी हुई उंगली पर पड़ती है | 
बलि मे हमेशा स्वस्थ आदमी की ही बलि चड़ती है इसलिए वो सब राजा को छोड़ देते हैं | 

राजा सबसे पहले महल जाकर मंत्री को मुक्त करवाता हैं | ओर सब बताता हैं |
फिर राजा मंत्री से पूछता हैं की इस  सबमे तुम जेल चले गए इसमे क्या अच्छा हुआ | 

तो मंत्री कहता हैं की - अगर मे जेल मे नही होता तो जरूर आपके साथ शिकार पर जाता और फिर मेरी बलि चड़ जाती | 

सीख - जो होता है अच्छे के लिए होता हैं   

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