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Honesty | Hindi Short Emotional Story | Panchatantra Kahani

देव अपने स्कूल मे कल होने वाले स्वतंत्रता दिवस को लेकर बहुत उत्साहित था | 
आखिर वो भी परेड मे हिस्सा जो ले रहा था | 

सुबह वो जल्दी उठ जाता है | उसको घर काफी शांत शांत सा लगता हैं वह अपनी दादी के कमरे मे जाता हैं पर वह कोई नही होता हैं | 

वह अपनी मम्मी से पूछता हैं - माँ दादी कहा हैं ? | मम्मी उत्तर देती हैं - बेटा दादी की तबीयत बहुत खराभ हैं पापा उनको हॉस्पिटल ले गए हैं | 

क्या तुम भी हमारे साथ हॉस्पिटल चलोगे ? देव - हाँ में चलूँगा | देव स्कूल के समरहों की भूल जाता हैं | स्कूल मे प्रोग्राम अच्छे से खतम हो जाता हैं | 

अगले दिन प्रिन्सिपल उन बच्चो पर बहुत नाराज थे जो प्रोग्राम मे शामिल नही हुये | प्रिन्सिपल सर ने उन बच्चो की सूची मँगवाई | और फिर वो सबसे पहले कक्षा आठ मे गए | 

गुस्से मे पूछते हैं कल ये सारे बच्चे कहा थे | और फिर वो सूची हवा मे लहराते हैं | 


और एक एक करके सब बच्चो का कारण पूछते हैं ओर उनको दो - दो स्केल मारते हैं | 

पर उस सूची मे देव का नाम नही था इसलिए देव प्रिन्सिपल सर के पास गया और अपना एक हाथ स्केल के लिए आगे करके बोला सिर मैं भी कल नही आया था | 

सर देव की ईमानदारी देखकर अपना सारा गुस्सा भूल गए और बोलते हैं - कल क्यू नही आए थे इसका कारण तो नही पूछूंगा बस इतना कहता हु की अगली बार जरूर आना | जाओ बेठ जाओ | 

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