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कीमत | Value | Hindi very short motivational story | Panchtantra khani

एक बार एक बच्चा बहुत निराश था क्योकि उसके दोस्त उसको बेफ़्कूफ कह कर उसका मज़ाक उड़ा रहे थे । वह स्कूल मे निराश बेठा था । 

टीचर ने जब उससे उसके निराश होने का कारन पुछा तो उसने सब बताया । टीचर पूरी कक्षा के सामने अपना एक 500 रुप्य का नोट निकलता हैं । 

और सब बच्चो से पूछता हैं यह नोट कितने का हैं - 
सभी बच्चे एक साथ -  पाँच सो रुपे । 


टीचर - किसको यह नोट चाहिए सभी बच्चे अपना हाथ खड़े कर देते हैं टीचर उस नोट को मुट्ठी मे दबा कर उसकी हालत खराब करते हैं और फिर पूछते हैं अब य नोट किसको चाहिए ? 
सभी बच्चे अपना हाथ फिर खड़े कर देते हैं  

टीचर उस नोट को जमीन मे रख कर खूब जूते मारते हैं ।
अब वो नोट गंदा भी हो गया था टीचर अब य नोट किसे चाहिए सभी बच्चे एक बार फिर से हाथ खड़े कर देते हैं । 

टीचर - तुम इस नोट की तरह हो कोई तुम्हें कितना भी कुछ कहे पर तुम्हारी कीमत न ही कम होगी न ही बड़ेगी , बस तुम्हें अपने आप पर विश्वास होना चाहिए ।

शिक्षा - हमे अपनी को कीमत खुद पहचानी चाहिए । 

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