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एक बहुत बुड़ा कछुआ पेड़ के निचे विश्राम कर रहा था। उस पेड़ पर चिड़िया ने अपना एक घोसला बनाया था। कछुए ने चिड़िया का मजाक करते हुए कहा “ तुम्हारा घर कितना कमजोर है , घांस और कुछ टूटी फूटी सी टहनि से बना है और ना ही इसकी कोई भी छत है ।
और ये तुमको खुद ही बनाना पड़ता है । मेरा घर तो मेरा कवच है और वो मजबूत भी है तुम्हारे टूटे हुए घर से तो बहुत अच्छा है। तुम तो मेरे घर से जरूर जलते करती होगे |
“इसपर चिड़िया ने कहा की “ मेरा घर बहुत बड़ा है ,इसमें तो दूसरे लोग भी रुक सकते है, तुम्हारे घर की तरह नहीं जहाँ पर सिर्फ तुम्हारे रहने की ही जगह हो ।
तुम्हारे एक पास बहुत अच्छा मकान जरूर हो ही सकता है पर मेरे पास एक अच्छा घर है जहाँ पर सब लोग मिल करके रहते है।
सीख :एक सुनसान महल से तो भीड़भाड़ वाली झोपडी काफी अच्छी है |
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